UPSC सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों के अंतर्गत कई परीक्षाओं के माध्यम से अभ्यर्थी का मूल्यांकन करती है। यह तो सच है परीक्षा तुक्के से तो नहीं निकलेगी। जैसा कि इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद उच्च प्रशासनिक पद प्राप्त होते हैं वैसे ही आयोग उस पद के अनुरूप उच्च तर्कशील व्यक्ति की तलाश के उद्देश्य से परीक्षाएं आयोजित करता है। अभ्यर्थी आयोग की अपेक्षाओं के अनुरूप स्वयं को कैसे ढालें। इस विषय पर हमारी टीम ने विस्तार से बात की है संस्कृति IAS Coaching के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर श्री ए.के. अरुण सर से। सर लम्बे समय से UPSC सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। दृष्टि IAS को छोड़ने के बाद से सर संस्कृति IAS में पढ़ा रहें हैं।
आपको बता दें कि संस्कृति IAS कोचिंग UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने वाली देश की सर्वश्रेष्ठ संस्था है। इसकी प्रमाणिकता इस बात से तय होती है कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सर्वाधिक चयन इस कोचिंग से होते हैं। खासकर हिन्दी माध्यम से चयनित लगभग सभी अभ्यर्थियों का संबंध इस संस्था से अवश्य जुड़ा होता है।
संस्कृति IAS Coaching के श्री ए.के. अरुण सर से पहला प्रश्न है कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा विशिष्ट क्यों है?
इस परीक्षा में चयनित होने वाले उम्मीदवारों को देश में उच्च प्रशासनिक पद प्राप्त होते हैं, जहाँ से हर क्षण उन्हें प्रभावी निर्णय लेने होते हैं। इसलिए आयोग ने अपनी परीक्षाओं को इस तरह डिजाईन किया है कि सिर्फ तार्किक व्यक्ति ही इस पद पर पहुंचे।
UPSC सिविल सेवा परीक्षाओं में उम्मीदवार की तार्किक क्षमता की जाँच कैसे की जाती है?
सर ने बताया कि परीक्षा तीन चरणों में संपन्न होती है, जिसके प्रत्येक चरण का विशिष्ट उद्देश्य है; जैसे-
1. प्रारंभिक चरण में बौद्धिकता, तार्किकता एवं जागरूकता की जाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से की जाती है।
2. द्वितीय चरण यानी मुख्य परीक्षा में विषय वस्तु की समझ, तार्किक अभिव्यक्ति, विश्लेषण क्षमता, नैतिकता आदि की जाँच लिखित माध्यम से की जाती है।
3. अंतिम चरण यानी साक्षात्कार में व्यक्तित्व, तार्किक अभिव्यक्ति, धैर्य, सयंम आदि की जाँच की जाती है।
सर ने बताया कि इस प्रकार प्रत्येक चरण में उम्मीदवार की तार्किकता का मूल्यंकन किया जाता है। परीक्षा के किसी भी उम्मीदवार का अतार्किक प्रदर्शन उसे परीक्षा की प्रतिस्पर्धा से बाहर कर देता है।
सर ने UPSC सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को टिप्स भी दिए-
1. किसी भी प्रश्न का भावुक होकर उत्तर न दें
2. जबाव देते समय या लिखते समय तटस्थ रहें
3. लिखते या बोलते समय अपने वक्तव्यों को तर्क से साबित करें
4. जब तक जोर न दिया जाए अपनी व्यक्तिगत राय देने से बचें
5. आदर्श और यथार्थ में संतुलन बनाए रखें
6. अपने जबाव में संदेहात्मक शब्द शामिल करने की कोशिश करें; जैसे- ‘शायद’, ‘हो सकता है’ आदि।
ये उक्त टिप्स आपको तार्किकता प्रदान करेंगे। आशा की जाती है कि इस छोटे लेख से आपने कुछ अवश्य सीखा होगा।