नर्मदापुरम: आपने सीपीआर के बारे में सुना होगा! ये एक ऐसी तकनीक है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति के मुंह में अपने मुंह से हवा भरी जाती है। इससे पीड़ित सांस लेने लगता है और उसकी जान बचाई जा सकती है। इंसानों के बीच ये कॉमन है लेकिन अगर किसी सांप को सीपीआर देने की बात सामने आ जाए तो ये कॉमन नहीं है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के सेमरीहरचंद पुलिस चौकी में पदस्थ कांस्टेबल अतुल शर्मा ने धामन प्रजाति के एक सांप की सीपीआर देकर जान बचाई है। अतुल ने बेहोश पड़े एक सांप को रेस्क्यू किया और फिर सांप का मुंह खोलकर अपने मुंह से उसमें हवा भरी। इससे सांप फिर से सांस लेने लगा और उसकी जान बच गई। सांप को सीपीआर देते हुए कांस्टेबल का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें वह बेहोश सांप का मुंह खोलते हैं और उसमें अपने मुंह से हवा भरते हैं।
ये सांप एक पाइप में घुसा हुआ था, जिसके ऊपर कीटनाशक पानी डालने से वह बेहोश हो गया था और सांस नहीं ले पा रहा था। जैसे ही इस बात की सूचना मिली तो कांस्टेबल अतुल शर्मा ने सांप को सीपीआर दे दिया, जिससे उसकी जान बच गई।
12वीं क्लास में पढ़ते थे, तब से सांपों की जान बचा रहे अतुल
कांस्टेबल अतुल शर्मा ने बताया कि वह जब 12वीं क्लास में थे, तभी से सांपों को रेस्क्यू करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी दशहरा में ड्यूटी लगी थी। तभी उन्हें सूचना मिली कि रेलवे स्टेशन के पास तवा कॉलोनी के एक मकान में सांप बैठा है। वह उस स्थान पर पहुंचे, लेकिन उससे पहले पाइप में फंसे सांप को निकालने के लिए स्थानीय लोगों ने कीटनाशक दवा को पानी में मिलाकर उसके ऊपर डाल दिया।
इससे सांप बेहोश हो गया। कांस्टेबल ने पहले सांप के ऊपर साफ पानी डालकर उसे होश में लाने की कोशिश की। फिर सीपीआर देकर उसकी जान बचाई। कांस्टेबल ने होश में आने पर सांप को पानी पिलाया और फिर उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया। हालांकि यहां ये बात जानना जरूरी है कि जिस सांप की जान सीपीआर देकर बचाई गई, वो धामन प्रजाति का था। इस प्रजाति के सांप में जहर नहीं होता है।
(नर्मदापुरम से अब्दुल सलीम की रिपोर्ट)
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