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How many EVMs are required for One Nation One Election | एक देश एक चुनाव के लिए कितनी ईवीएम चाहिए

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‘एक देश एक चुनाव’ को...- India TV Hindi

Image Source : PTI FILE
‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर देश में लंबे समय से बहस जारी है।

नई दिल्ली: क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया है कि अगर ‘एक देश, एक चुनाव’ हकीकत में बदल गया तो मतदान के लिए कितनी EVMs की जरूरत होगी? अब इस सवाल को लेकर एक आंकड़ा सामने आया है। सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए निर्वाचन आयोग को लगभग 30 लाख EVMs की जरूरत होगी। सूत्रों ने यह भी बताया कि ऐसे में चुनाव को बगैर किसी बाधा के संपन्न कराने के लिए तैयारियों में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा।

एक साथ चुनाव कराने के लिए 35 लाख वोटिंग यूनिट की कमी


एक EVM में एक कंट्रोल यूनिट, कम से कम एक बैलेट यूनिट और एक वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) यूनिट होती है। सूत्रों के मुताबिक, आयोग को एक साथ चुनाव कराने के लिए लगभग 30 लाख कंट्रोल यूनिट, लगभग 43 लाख बैलेट यूनिट और लगभग 32 लाख VVPAT की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए लगभग 35 लाख वोटिंग यूनिट (कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और VVPAT यूनिट) की कमी है। एक साथ चुनाव कराने पर विचार-विमर्श तेज होने के बीच निर्वाचन आयोग ने कुछ महीने पहले विधि आयोग को सूचित किया था कि उसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को रखने के लिए पर्याप्त भंडारण सुविधाओं की भी आवश्यकता होगी।

2019 के लोकसभा चुनाव में थे 12.50 लाख मतदान केंद्र

लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर एक रिपोर्ट पर काम कर रहे विधि आयोग ने निर्वाचन आयोग के साथ उसकी जरूरतों और चुनौतियों पर बातचीत की थी। बातचीत से अवगत सूत्रों ने कहा कि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि इस तरह की कवायद कब होगी। जब कुछ राज्यों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं तो मतदाता 2 अलग-अलग EVMs में अपना वोट डालते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में 12.50 लाख मतदान केंद्र थे। आयोग को अब 12.50 लाख मतदान केंद्रों के लिए लगभग 15 लाख कंट्रोल यूनिट, 15 लाख VVPAT यूनिट और 18 लाख बैलेट यूनिट की आवश्यकता है।

वोटिंग यूनिट्स खरीदने में हजारों करोड़ रुपये होंगे खर्च

इस बारे में हालांकि कोई आधिकारिक अनुमान उपलब्ध नहीं है कि इन वोटिंग यूनिट्स की लागत कितनी है, लेकिन पिछली खरीद दरों के हिसाब से भी देखा जाए तो एक करोड़ यूनिट के लिए कुल लागत 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होगी, जिसमें VVPAT यूनिट्स के लिए 6500 करोड़ रुपये से अधिक शामिल हैं। अगर लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ स्थानीय निकाय चुनाव भी कराए जाएं तो लागत और भी बढ़ सकती है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति संविधान के तहत मौजूदा ढांचे और अन्य वैधानिक प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने पर विचार कर रही है।

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चुनाव आयोग ने विधि आयोग के साथ इस मुद्दे पर बातचीत की है।

EVM के रखरखाव के लिए चाहिए होगी ज्यादा स्टोरेज फैसिलिटी

सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने विधि आयोग के साथ अपनी बातचीत में EVM के लिए अधिक स्टोरेज फैसिलिटी की आवश्यकता जैसी चुनौतियों को भी सूचीबद्ध किया। उन्होंने करीब 1.5 साल की तैयारियों का जिक्र करते हुए कहा कि EVM बनाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के 2 उपक्रमों ECIL और BEL को भी पहले से सूचित करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए सेमीकंडक्टर उद्योग को भी स्थिर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब बातचीत हुई थी, सेमीकंडक्टर उद्योग से संबंधित समस्याएं थीं, जो अब सुलझ गई हैं।

EVM की ‘प्रथम स्तर की जांच’ के लिए भी चाहिए होगा वक्त

निर्वाचन आयोग को चुनाव से पहले EVM की ‘प्रथम स्तर की जांच’ (FLC) के लिए भी समय की जरूरत होगी। आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पूरे भारत में चरणबद्ध तरीके से FLC शुरू कर दी है। FLC के दौरान, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) के इंजीनियरों द्वारा VVPAT सहित EVM, मशीनों की यांत्रिक खामियों की जांच की जाती है। दोषपूर्ण मशीनों को मरम्मत या रिप्लेसमेंट के लिए निर्माताओं को वापस कर दिया जाता है। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में दोनों मशीनों की जांच के लिए एक ‘मॉक पोल’ भी आयोजित किया जाता है। (भाषा)

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Author: Daily Jagran

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