: आंख में पानी और दिल में तूफान ला देने वाली ये कहानी या कहें आप बीती है नीट यूजी में धमाकेदार सफलता हासिल करने वाले मौलिक पटेल की. कैंसर जैसी बीमारी से जूझते हुए मौलिक ने पहले बीमारी पर जीत पायी और फिर नीट परीक्षा में. सुनकर यकीन नहीं होगा. मौलिक के 720 में से 715 अंक आए हैं. इसी के साथ उसने महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड में 94.67 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. अब मौलिक कैंसर मरीजों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए एंकोलॉजिस्ट बनना चाहता है. मौलिक का परिवार मुम्बई में घाटकोपर में रहता है.
कोटा: जिंदगी में जो कुछ भी हो, मैं हार नहीं मानता… हौसला होना जरूरी है, जीत के लिए सोचेंगे तभी जीतेंगे. 2022 में मेरे जीवन में एक तूफान आया, यह इतना भयानक था कि शायद जिंदगी भर भुला नहीं सकूंगा. मैं परिवार का सिंगल चाइल्ड हूं. झटका बहुत बड़ा था सिलसिला यूरीनेशन के समय दर्द से शुरू हुआ. सोनोग्राफी में ट्यूमर और बायोप्सी जांच में कैंसर सामने आया. तब कक्षा 11 में था, इसके बाद जो इलाज का सिलसिला शुरू हुआ तो इस वर्ष अप्रैल में खत्म हुआ. मैं पॉजिटिव था और मुझे आगे बढ़ना था. पहले कैंसर को हराया और फिर परीक्षाएं दी. आज मैं दोनों परीक्षाओं में सफल रहा. जिंदगी की भी और नीट यूजी की भी.
आंख में पानी और दिल में तूफान ला देने वाली ये कहानी या कहें आप बीती है नीट यूजी में धमाकेदार सफलता हासिल करने वाले मौलिक पटेल की. कैंसर जैसी बीमारी से जूझते हुए मौलिक ने पहले बीमारी पर जीत पायी और फिर नीट परीक्षा में. सुनकर यकीन नहीं होगा. मौलिक के 720 में से 715 अंक आए हैं. इसी के साथ उसने महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड में 94.67 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. अब मौलिक कैंसर मरीजों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए एंकोलॉजिस्ट बनना चाहता है. मौलिक का परिवार मुम्बई में घाटकोपर में रहता है.
मौलिक ने बताया मई 2022 में शरीर में बदलाव आने शुरू हो गए. कमजोरी महसूस करने लगा. यूरीनेशन के समय दर्द के अलावा बुखार भी रहने लगा. मैं इन सबको लक्षणों को सामान्य समझ रहा था. हॉस्टल में रहता था तो स्थिति के बारे में रूममेट ने परिवार को सूचना दी. डॉक्टरों को दिखाया. सोनोग्राफी और अन्य जांच के बाद पता चला कि यूरीनेशन ब्लैडर के पास एक ट्यूमर है, जो 10 सेंटीमीटर का था. सीटी स्कैन और बायोप्सी के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उसे ‘सरकोमा’ है. जो कि एक तरह का कैंसर है. परिवार को झटका लगा क्योंकि मैं सिंगल चाइल्ड हूं और इतनी कम उम्र में कोई कैसे इतनी भयंकर बीमारी से पीड़ित हो सकता है.