नई दिल्ली :देशभर के करोड़ों इंश्योरेंस पॉलिसीधारकों के लिए एक राहत की खबर है. बीमा नियामक संस्था, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने लोगों को बड़ी राहत दी है. बीमा नियामक संस्था ने कहा कि रिटेल पॉलिसीहोल्डर, बीमा कंपनी को सूचित करके पॉलिसी अवधि के दौरान किसी भी समय बीमा पॉलिसी रद्द कर सकते हैं और शेष पॉलिसी अवधि के लिए रिफंड प्राप्त कर सकते हैं. आईआरडीएआई ने इंश्योरेंस सेक्टर में कई सुधारों की घोषणा करते हुए कहा, “यदि बीमाधारक पॉलिसी रद्द कर देता है, तो उसे कैंसिलेशन का कारण बताने की आवश्यकता नहीं है.
बीमा नियामक IRDAI ने कहा, “यदि ग्राहक पॉलिसी कैंसिल करता है, तो बीमाकर्ता को समाप्त हुई पॉलिसी अवधि के लिए आनुपातिक प्रीमियम वापस करना चाहिए, अगर पॉलिसी की अवधि एक वर्ष तक है और पॉलिसी अवधि के दौरान कोई क्लेम नहीं किया गया है.
दस्तावेज के अभाव में क्लेम रिजेक्ट नहीं होगा
इसके अलावा, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने कहा कि साधारण बीमा कंपनियां किसी दस्तावेज के अभाव में क्लेम को अस्वीकार नहीं कर सकती है. इस संबंध में जारी मास्टर परिपत्र, जो साधारण बीमा व्यवसाय में सुधारों का हिस्सा है, उससे सरल और ग्राहक केंद्रित बीमा समाधानों के लिए एक नए युग की शुरुआत होगी.
साधारण बीमा कारोबार पर व्यापक मास्टर सर्कुलर, 13 अन्य परिपत्र को भी निरस्त करता है. सर्कुलर में कहा गया है कि दस्तावेजों के अभाव में कोई भी क्लेम अस्वीकार नहीं किया जाएगा. इसके मुताबिक, ग्राहकों से केवल उन दस्तावेजों को जमा करने के लिए कहा जा सकता है, जो जरूरी हैं और क्लेम सेटलमेंट से संबंधित हैं.