मुख्य बातें
- 2021 में तीन बच्चों के साथ हैवानियत
- बच्चों के प्राइवेट पार्ट में झंडु बाम लगाया
- कपड़े उतारकर बेल्ट से की पिटाई
- बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुबूत के अभाव में आरोपी को दी जमानत
पुणे: बाम्बे हाईकोर्ट ने तीन साल पहले बच्चों के साथ हैवानियत की हदें पार करने वाले को जमानत दे दी है। आरोप था शख्स बच्चों के प्राइवेट पार्ट में झंडु बाम जैसी वस्तु लगाकर उन्हें तड़पाया। इतना ही नहीं बच्चों के कपड़े उतारकर बेल्ट से पीटा। हालांकि, कोर्ट ने तमाम दलील सुनने के बाद जमानत देते हुए कहा कि एफआईआर और आवेदक के खिलाफ एफआईआर में लगाए गए आरोपों को देखने के बाद रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है, लिहाजा कैसे पता चले कि आरोपियों की यौन इच्छा थी। ऐसे में सुबूतों के अभाव में उसे जमानत दे दी गई।
यौन उत्पीड़न कर वीडियो बनाया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 33 साल के एक आरोपी को यौन उत्पीड़न और उनके प्राइवेट पार्ट में झंडु बाम लगाने के मामले में जमानत दे दी। उस पर अन्य आरोपियों के साथ मिलकर तीन लड़कों का यौन उत्पीड़न करने और उसका वीडियो बनाने का आरोप था। हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी की कोई यौन इच्छा नहीं थी। पीड़ितों को शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गईं, क्योंकि आरोपियों को लगा कि लड़के चोर थे।
बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस ने कही ये बात
सभी दलीलों और दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस अनिल किलोर की पीठ ने आरोपी कपिल टाक की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद उसे जमानत दे दी। आरोपी कपिल टाक को साल 2021 में अप्राकृतिक अपराध, हमले अपराध समेत कई आरोपों के आधार पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज गिरफ्तार किया गया।