बेगूसराय: बिहार में रुद्रा बिस्कुट का नाम ब्रेड, रस्क और बन के क्षेत्र में उतना ही चल रहा है. जितना ब्रिटानिया बिस्कुट का नाम मीठे बिस्कुट के क्षेत्र में. बिहार के बेगूसराय जिले के आसपास पांच जिलों में लगभग हर घर में बच्चे, बूढ़े या जवान ने इसका स्वाद चखा होगा. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आज बिहार में डंका बजाने वाली इस कंपनी की शुरुआत कैसे और कब हुई थी?
बता दें एमएनसी कंपनी में काम कर रहे बिहार के रहने वाले एक युवक जब बीमार पड़ा तो छुट्टी नहीं दी. इससे नाराज होकर बिहार में आकर खुद की अपनी कंपनी स्थापित कर डाली. आज इनकी फैक्ट्री का उदाहरण बिहार सरकार या फिर केंद्र सरकार के द्वारा संचालित उद्योग विभाग अपने डेमो वर्क में भी कर रहीं है. आइए जानते हैं कंपनी की कहानी…
25 लाख की लागत से लगाया बिस्कुट फैक्ट्रीबेगूसराय जिला मुख्यालय से 42 किमी दूर बखरी नगर परिषद इलाके के दरहा गांव के रहने वाले लालबाबू प्रहाद के पुत्र पवन कुमार गुप्ता पिछले 18 वर्षों से दिल्ली में रहकर इंटीरियर डिजाइनर का काम करते थे . अच्छी खासी सैलरी तो थी, लेकिन छुट्टी की कमी थी. बताते हैं साल 2023 में जब में बीमार पड़ा तो कंपनी से छुट्टी मांगने पर छुट्टी नहीं दिया गया था. फिर अपनी नौकरी को छोड़कर गांव आ गए.
क्योंकि ड्यूटी के दौरान मेरे आवास के पास एक बिस्कुट कंपनी थी. और यहां पर 6 साल तक निर्माण कार्य देखा था. ऐसे में यह अनुभव तो जरूर हो गया था कि बिस्कुट कंपनी से अच्छी कमाई होती है. 6 महीने पहले में पीएमएफएमई योजना की जानकारी जिला संसाधन सेवी राहुल कुमार से लेकर 25 लाख निजी बैंकों से इस योजना के तहत सहायता पाकर उद्योग स्थापित किया.
5 जिलों में 10 लाख तक का हर महीने सेलरुद्रा फैक्ट्री के मैनेजर रिंकू देवी ने बताया मेरे फैक्ट्री में फिलहाल 12 मजदूर काम कर रहे हैं . ऐसे में यहां से निर्मित ब्रेड , बन और रस्क बेगूसराय, खगड़िया, समस्तीपुर, पटना जिले में हर महीने 10 लाख तक का सेल कर लेते हैं. हालांकि आमदनी पूछे पर जाने पर बताते हैं 5% तक सेल की बचत हो जाती है. इन्होंने बताया 6 महीने में ही कंपनी की इतनी ग्रोथ को देखकर हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में बिहार में मुजफ्फरपुर पटना का नहीं हमारा प्रोडक्ट लोगों की खास पसंद होगी.