कंगारू बंगाल कोर्ट : पश्चिम बंगाल के कंगारू कोर्ट में महिलाओं से अत्याचार और उनकी पिटाई के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब जलपाईगुड़ी में फुलबारी इलाके के एक कंगारू कोर्ट में लोगों ने एक महिला की बुरी तरह पिटाई की। इस घटना के बाद महिला ने कथित रूप से खुदकुशी कर ली। बताया जाता है कि महिला का किसी और व्यक्ति के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था, पंचायत में जिसकी सजा दी गई। यह घटना 29 जून की है। बता दें कि कुछ दिनों पहले उत्तरी दिनाजपुर के चोपरा इलाके में भी एक महिला को पीटने का वीडियो सामने आ चुका है। यहां महिला को पीटने वाला तृणमूल कांग्रेस का स्थानीय नेता और विधायक का करीबी है।
पीड़ित महिला ने जान दी
महिला के पति का कहना है कि ‘कुछ महिलाओं ने पंचायत में सबके सामने मेरी पत्नी को पीटा। इसके बाद उसने कोई जहरीला पदार्थ खाकर अपने जीवन को समाप्त कर लिया। मैंने इसकी शिकायत पुलिस से की। मैंने बताया कि पंचायत में मेरी पत्नी का जो अपमान हुआ उसे बर्दाश्त नहीं कर पाई।’ आरोप है कि महिला का किसी और व्यक्ति के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था और वह बीते 10 दिनों से लापता थी। पत्नी की गुमशुदगी की शिकायत पति ने न्यू जलपाईगुड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी।
पंचायत में महिला को पीटा गया
रिपोर्टों के मुताबिक सोमवार को जब महिला घर वापस लौटी तो स्थानीय महिलाओं ने उसके चरित्र पर सवाल उठाते हुए सार्वजनिक रूप से उसके साथ दुर्व्यवहार किया और मारपीट की। जब उसके पति ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो उसके साथ भी मारपीट की गई। शिकायत के अनुसार, अपमान सहन न कर पाने के कारण महिला ने सोमवार देर रात कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली।
ये सामाजिक समस्या है-टीएमसी
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) दीपक सरकार ने बताया कि इस मामले में कथित संलिप्तता के लिए चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। न्यू जलपाईगुड़ी पुलिस स्टेशन के प्रभारी निर्मल दास ने कहा कि दो शिकायतों के बाद हमने चार लोगों को गिरफ्तार किया किया है। इस घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ममता सरकार को निशाने पर लिया है। भाजपा विधायक शिखा चटर्जी ने कहा कि ‘ममता सरकार में ज्यादातर महिलाओं को दबाया जा रहा है। ममता बनर्जी को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। किसी को कंगारू कोर्ट में बुलाना और फिर उसकी पिटाई करना एक जघन्य अपराध है।’ वहीं, इस घटना पर टीएमसी के प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, ‘इस तरह की घटनाएं सामाजिक समस्याएं हैं। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस तरह की बुराइयों को खत्म करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को आगे आना चाहिए।’