भारत से फरार चल रहे नित्यानंद ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर घोषणा की है कि वह इस महापूर्णिमा यानी 21 जुलाई को अपनी रहस्यमयी दुनिया से पर्दा उठाएगा। उसने दावा किया है कि इस दिन वह टाइम्स स्क्वायर पर एक छोटी सी क्लिप के जरिए अपने कैलास का पता बताएगा। इसके बाद उसके कुछ पूर्व अनुयायी सामने आए, जिन्होंने बाबा नित्यानंद के कई काले कारनामों को उजागर किया है।
नित्यानंद की पूर्व शिष्या ने खोले राज
भगोड़े नित्यानंद की पूर्व शिष्या सारा लैंड्री फिलहाल कनाडा में रह रही हैं, उन्होंने इसको लेकर बताया कि मैं 2009 में नित्यानंद के आश्रम से जुड़ी थी। मैं सनातन धर्म को जानना चाहती थी। मैं योग और ध्यान सीखना चाहती थी। उन्होंने बताया कि वह बड़े-बड़े संस्थानों में अपने कोर्स कराते थे, माइक्रोसॉफ्ट में लेक्चर देने जाते थे। वह आगे बताती हैं कि साल 2010 में जब नित्यानंद का MMS लीक हुआ था। तब वह चौंक गई थीं, लेकिन उनका दिमाग इस बात से बहकाया गया था कि यह मॉर्फ्ड वीडियो है।
सारा ने क्या कहा?
सारा ने बताया कि, वह अपने संगठन को धर्म सिखाने के लिए नहीं चलाता बल्कि वह माफिया की तरह काम करता है। सारा का कहना है कि 9 साल तक मेरी जिंदगी नित्यानंद के इशारे पर चलती रही। मैं 24 से 33 साल की उम्र तक वहां रही। जब मैंने आश्रम छोड़ा तो मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए, मुझे फंसाया गया। मुझे गैर हिंदू कहा गया, आरोप लगाया गया कि मैं उनके आश्रम के बच्चों को पीटती हूं।
कैलासा एक फर्जी नैरेटिव
कैलासा के बारे में सारा ने बताया कि, कैलासा एक फर्जी नैरेटिव है, एक झूठा राष्ट्र है जिसे उसने बनाया है। यह एक भौतिक द्वीप है। उसने खुद को बचाने के लिए इसे बनाया है। सारा ने कहा कि उसने भारत में नित्यानंद के खिलाफ शिकायत की लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की और उसे बचाती रही। नित्यानंद के खिलाफ कार्रवाई और जांच बहुत जरूरी है। उसने कई लोगों का बलात्कार और छेड़छाड़ करके उनकी जिंदगी बर्बाद की है। उसने आगे कहा कि मैं भारत से उसे सजा देने का अनुरोध करूंगी। पुलिस और सरकार मिलकर उसकी मदद कर रही है। उसकी अपराध कथा बहुत लंबी है, क्योंकि मैं खुद उसके साथ था, मैं सभी अपराधों का गवाह हूं। अब मेरा न्याय व्यवस्था पर से विश्वास उठ गया है।