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अब पंजाबी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई: अमृतसर की गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी ने किया 50 हजार शब्दों का अनुवाद

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जीएनडीयू के स्कूल ऑफ पंजाबी स्टडी की ओर से हाल ही में तीन वर्कशॉप की गई थीं। इनमें मंथन के बाद जीएनडीयू ने शब्दों का अनुवाद कर भारत सरकार के आयोग को सौंप दिया है। इसे अब किताबों में परिवर्तित करने का काम भी शुरू हो गया है।

पंजाब के विद्यार्थी अब मां बोली पंजाबी में भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए अमृतसर की गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) की ओर से विज्ञान व टेक्निकल शब्दावली आयोग नई दिल्ली के साथ मिलकर इंजीनियरिंग विषय के तकनीकी शब्दों का पंजाबी में अनुवाद कर लिया गया है, ताकि अंग्रेजी के साथ-साथ विद्यार्थी पंजाबी में भी इनका अर्थ समझ सकें।

Students of Punjab will now be able to study engineering in their Punjabi as well

हालांकि, यह विद्यार्थी की पसंद पर भी निर्भर होगा कि उसे किस भाषा में पढ़ना है। स्कूल ऑफ पंजाबी स्टडी के प्रमुख डॉ. मनजिंदर सिंह ने बताया कि साइंस जैसे विषयों को पंजाबी में पढ़ाने के प्रयास के तहत शब्दों का पंजाबी में अनुवाद किया गया है, क्योंकि किसी भी विषय को सबसे ज्यादा अपनी भाषा में ही आसानी से समझा जा सकता है। इसका उदाहरण दुनिया के कई देशों जापान, चीन, रूस व फ्रांस आदि में मिलता है। यह सारे देश अपनी भाषा में ही पढ़ाई करवाते हैं।

उन्होंने कहा कि इस वर्कशॉप के जरिये हम पहली बार अंग्रेजी की शिक्षा प्रणाली की जगह पर साइंस जैसे विषयों को पंजाबी में पढ़ाए जाने का प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि विद्यार्थियों की शिक्षा मातृ भाषा में अच्छे ढंग से हो सकती है। किसी भी तरह के ज्ञान को अगर मातृ भाषा में समझाया जाए, तो इसे आसानी से ग्रहण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 50 हजार तकनीकी शब्दों का अनुवाद किया जा चुका है।

प्रवेश परीक्षा से होगी शुरुआत

डॉ. मनजिंदर सिंह ने बताया कि आने वाले एक-दो साल तक पंजाबी में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। पंजाबी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का विकल्प रहेगा। उन्होंने बताया कि सबसे पहले कोशिश है कि इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा पंजाबी में शुरू हो जाए, ताकि प्रवेश परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को किसी तरह की परेशानी न हो।

Daily Jagran
Author: Daily Jagran

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