अपनी मांगों को लेकर पंजाब के किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच किया था। हरियाणा ने बॉर्डर पर किसानों को रोक लिया था। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच कई बार हिंसक झड़प भी हुई थी। आंदोलन के दौरान ही खनौरी बॉर्डर पर नौजवान शुभकरण सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी।
किसान आंदोलन के दौरान 21 फरवरी को हुई प्रदर्शनकारी शुभकरण सिंह की मौत के मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट ने सभी को हैरान कर दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि शुभकरण की मौत शॉटगन की गोली से हुई है।
इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि यह हथियार पुलिस इस्तेमाल नहीं करती है, ऐसे में इस मामले की जांच को जरूरी मानते हुए हाईकोर्ट ने एसआईटी के गठन का आदेश दिया है।
याचिका दाखिल करते हुए उदय प्रताप सिंह ने हाईकोर्ट को बताया था कि आंदोलन के दौरान हरियाणा पुलिस ने अत्यधिक बल का प्रयोग किया था। इस कारण ही किसान शुभकरण के सिर में गोली लगने से मौत हो गई थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में न्यायिक आयोग का गठन करते हुए जस्टिस जय श्री ठाकुर की अध्यक्षता में जांच का आदेश दिया था।
आयोग ने बताया था कि शुभकरण की मौत हरियाणा के क्षेत्राधिकार में हुई थी। बुधवार को फोरेंसिक जांच रिपोर्ट पेश की गई। इसमें बताया गया कि यह अत्यधिक संभावना है कि गोली शॉटगन से दागी गई थी। इस पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि शॉटगन पुलिस अधिकारियों के पास नहीं होती है, कहीं ऐसा तो नहीं गोली पंजाब की तरफ से चली थी।
हाईकोर्ट ने कहा कि अभी इस पर और अधिक टिप्पणी करना सही नहीं है, इस मामले की जांच बेहद जरूरी है। ऐसे में हाईकोर्ट ने शुभकरण की मौत के मामले में दर्ज एफआईआर की जांच के लिए झज्जर के पुलिस आयुक्त बी सतीश बालन की अध्यक्षता में एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पुलिस की ओर से अत्यधिक बल प्रयोग और अन्य पहलुओं पर न्यायिक समिति की रिपोर्ट के बाद कोई निष्कर्ष निकाला जाएगा।