शुक्रवार सुबह निहंगों के बाणे में आए तीन युवकों ने बीच सड़क पर संदीप थापर गोरा के सिर और हाथों पर तलवारों से 12 बार ताबड़तोड़ हमला कर उन्हें घायल कर दिया था। वारदात के समय गोरा के साथ उनका गनमैन भी था, लेकिन हमलावरों के सामने वो भी कुछ नहीं कर सका।
कट्टरपंथियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर लगातार दिए जाने वाले बयान के कारण चर्चा में रहने वाले शिवसेना नेता गोरा थापर पर अटैक का कारण भी यही बयान बने।
सोशल मीडिया पर कट्टरपंथियों को ललकारने के कारण ही तीनों निहंग सिंह संदीप थापर गोरा पर हमले की तलाश में थे। सूत्र बताते है कि तीनों आरोपी पिछले कुछ दिनों से गोरा थापर पर हमला करने की फिराक में थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल रहा था। शुक्रवार सुबह उन्हें गोरा थापर के सिविल अस्पताल में होने का पता चला तो वह सिविल अस्पताल पहुंच गए। वह सिविल अस्पताल परिसर के अंदर ही गोरा पर हमला करने की तैयारी में थे, लेकिन वहां भी मौका नहीं मिला।
इसके बाद जैसे ही गोरा थापर अपने गनमैन के साथ अस्पताल से बाहर निकला तो आरोपियों ने उस पर हमला कर दिया। कमिश्नरेट पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी विजय नगर निवासी हरजोत सिंह और टिब्बा रोड की पंजाबी बाग कालोनी निवासी सरबजीत सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया। इस दौरान दोनों के समर्थक भी वहां मौजूद थे। हालांकि पुलिस सीधे दोनों को अदालत में पेश करने ले गई। जहां दोनों आरोपियों को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस इस मामले में दोनों आरोपियों से पूछताछ कर उनके तीसरे साथी लाडी का पता लगाने में जुटी है। सूत्र बताते है कि लाड़ी के बारे में भी पुलिस को काफी हद तक सूचना मिल चुकी है। पुलिस उसे किसी समय भी गिरफ्तार कर सकती है।
सोशल मीडिया पर एक्टिव थे संदीप
पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चाहल ने बताया कि संदीप थापर गोरा सोशल मीडिया पर कट्टरपंथियों के खिलाफ पूरी तरह से एक्टिव थे और कई प्लेट फार्म पर वह कट्टरपंथियों के खिलाफ बयानबाजी भी करते थे। उन्होंने कहा कि जिस कारण आरोपी उनसे खफा थे और उन्होंने शुक्रवार को गोरा थापर पर हमला किया। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि अभी तक की जांच में यहीं वजह सामने आ रही है। बाकी आरोपियों का तीसरा साथी अभी फरार है। उसकी तलाश में छापामारी के लिए पुलिस की अलग अलग टीमें लगी हुई है। श्री फतेहगढ़ साहिब पुलिस के साथ संपर्क बनाकर तीसरे आरोपी का भी पता लगाया जा रहा है। जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
गनमैन के खिलाफ विभागीय जांच शुरू
पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चाहल ने बताया कि गोरा थापर के गनमैन एएसआई सुखवंत सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज है। इस मामले में उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है। उसे अभी सस्पेंड तो नहीं किया गया, लेकिन विभागीय जांच शुरु कर दी गई है। जांच के दौरान अगर उसका एक प्रतिशत भी गलती सामने आती है तो उस पर बनती कार्रवाई की जाएगी।
गोरा थापर की हालत है स्थिर, मिलने वालों का लगा रहा तांता
शिवसेना नेता संदीप थापर गोरा पर शुक्रवार को हुए हमले के बाद पूरे पंजाब के हिंदू रोष में है। राजनीति पार्टियां भी सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को घेरने में लगी हैं। डीएमसी अस्पताल में दाखिल गोरा थापर की हालत स्थिर है। शनिवार को पंजाब भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने उनसे मुलाकात कर हालचाल जाना वहीं पंजाब के अलग अलग हिंदू संगठन भी डीएमसी अस्पताल में पहुंचे और गोरा का हाल जाना। कुछ लोग संदीप थापर से तो नहीं मिल पाए, लेकिन उन्होंने परिवार के साथ मुलाकात कर साथ में खड़े होने की बात कहीं। वहीं गोरा थापर के लुधियाना के सभी साथी शनिवार को भी डीएमसी अस्पताल के बाहर ही खड़े रहे ताकि समय समय पर उसका हाल जाना जा सके।
बीच सड़क घेरकर पूरी प्लानिंग से हमला
1.43 मिनट के सीसीटीवी फुटेज में पूरी घटना कैद है। शुक्रवार को संवेदना ट्रस्ट की तरफ से फाउंडर और भाजपा नेता रविंदर अरोड़ा की पुण्यतिथि पर सिविल अस्पताल में सुखमणि साहिब का पाठ रखा गया था। माथा टेकने के बाद संदीप गोरा एक्टिवा पर गनमैन के साथ लौट रहे थे। इसी दौरान सिविल अस्पताल के पास बीच सड़क निहंग के बाणे में आए युवकों ने उनकी एक्टिवा रोका। वे गोरा को धमकियां देने लगे तो गनमैन एक्टिवा से नीचे उतर गया।
इतने में एक युवक गनमैन को धक्के मारकर साइड ले गए। इसके बाद एक हमलावर दूसरे से कहता है कि अगर इसकी गर्दन उतार दी जाए तो… इसपर गोरा उनके सामने हाथ जोड़ता है, तभी हमलावर तलवार से सिर पर वार कर देता है। तीसरे वार में तलवार गिर जाती है। तलवार उठाकर वाे फिर हाथ और सिर पर वार करता है तो गोरा एक्टिवा समेत सड़क पर गिर जाते हैं। फिर दूसरा हमलावर तलवार से बड़ी क्रूरता से हमला शुरू कर देता है।
गनमैन रिवॉल्वर निकालने की कोशिश करता है तो तीसरा हमलावर उसकी रिवॉल्वर पकड़ लेता है। इसके बाद दोनों हमलावर गोरा की एक्टिवा लेकर फरार हो जाते हैं। हैरत की बात है कि वारदात के दौरान सड़क पर लोगों का आना जाना लगा रहता है लेकिन कोई भी गोरा को बचाने की कोशिश नहीं करता।